वर्तमान समय में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी व्याकरण से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं जिसका उत्तर हम लोग को सही से नहीं पता होता है हिंदी व्याकरण में संज्ञा से जुड़े बहुत सारे प्रश्न पूछे जाते हैं जैसे संज्ञा किसे कहते हैं(sangya kise kahate hain), संज्ञा के कितने भेद होते हैं(sangya ke bhed), व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं, जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं, समूहवाचक संज्ञा किसे कहते हैं, द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते हैं और भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं आदि टॉपिक से जुड़े ऑब्जेक्टिव ओर सब्जेक्टिव का ज्ञान अच्छे से होना बहुत जरूरी है.
आज के संज्ञा (Sangya) के इस ब्लॉक पोस्ट में हम संज्ञा से जुड़े सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को जानने वाले हैं इसलिए आप इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा अंत तक पढ़िए जिससे कि संज्ञा से जुड़े सभी सवालों का जवाब आप सही से दे सकें.

संज्ञा किसे कहते है (Sangya Kise Kahate Hain)
अक्सर लोग गूगल पर लिखकर सर्च करते हैं की संज्ञा की परिभाषा क्या होती है या संज्ञा किसे कहते हैं आदि जिसका उत्तर उन्हें अलग-अलग मिलता है किंतु इस पोस्ट में हम संज्ञा की सही परिभाषा सरल भाषा में जानेंगे जो नीचे दिया गया है-
किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव, अवस्था, दशा, और गुण आदि के नाम का बोध कराने वाले शब्द संज्ञा कहलाते हैं. संज्ञा एक विकारी शब्द है जो लिंग, वचन, और काल के आधार पर बदलते रहता है इसलिए संज्ञा शब्द को विकारी शब्द कहते हैं.
अतः संज्ञा शब्द किसी वस्तु,स्थान, दशा, गुण, और भाव आदि के केवल नाम को दर्शाता है जैसे- गंगा नदी, इस शब्द में गंगा एक नदी का नाम है जिसके कारण यह व्यक्तिवाचक संज्ञा है जबकि नदी एक जातिवाचक संज्ञा है क्योंकि नदी शब्द में पूरे संसार की नदी आती है किंतु गंगा एक नदी का नाम है.संज्ञा का उदाहरण (Sangya Ke Udahran) नीचे दिया गया है-
संज्ञा के उदाहरण (Sangya Ke Udahran)
- वस्तु का नाम- किताब, घड़ी, साइकल, नाव, कलम, चारपाई, कंघा, अलमीरा
- व्यक्ति का नाम- मोहन, सोहन, रवि, सोनू, गणेश, राम, श्याम, अतुल, सीता, गीता, सोनल
- भाव का नाम– प्रेम, क्रोध, मोह, पाप, पुण्य, दुख, सुख, गुस्सा, आश्चर्य
- गुण का नाम- ईमानदारी, बेईमानी, अच्छाई, बुराई,सुंदरता, मधुरता,
- स्थान का नाम- पटना, पणजी, थिंफू, आगरा, नई दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ
- अवस्था का नाम- बुढ़ापा, नौजवान, कमजोरी, मजबूती, किशोरावस्था, बाल्यावस्था
संज्ञा के कितने भेद (Sangya ke Bhed/Sangya ke Kitne Bhed Hote Hain)
संज्ञा एक विकारी शब्द है जो किसी विशेष वस्तु, भाव और जीव के नाम का बोध कराता है किंतु अब हम जानेंगे कि संज्ञा के कितने भेद होते हैं. आपको मैं बता दूं किस संज्ञा के मुख्यता पांच भेद होते हैं जिनमें जातिवाचक संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, समूहवाचक संज्ञा, द्रव्यवाचक संज्ञा आदि इन चारों को वस्तु संज्ञा में रखा गया है जबकि भाववाचक संज्ञा को धर्म संज्ञा में रखा गया है. इन पांचों संज्ञाओं के नाम नीचे दिए गए हैं-
#1.व्यक्तिवाचक संज्ञा (Vyakti Vachak Sangya)
किसी व्यक्ति विशेष, स्थान विशेष या वस्तु विशेष के नाम का बोध कराने वाले शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं व्यक्तिवाचक संज्ञा हमेशा एकवचन का बोध कराता है जैसे- श्याम, गांधीजी, पटना, भारत, गंगा, होली, सोमवार, हिमालय और उत्तर आदि.
इन उदाहरणों में श्याम और गांधीजी कहने पर एक विशेष व्यक्ति का बोध होता है जबकि पटना से एक नगर, भारत से एक देश, गंगा से एक नदी, होली से एक त्यौहार, सोमवार से सप्ताह का एक दिन, हिमालय कहने से एक पर्वत और उत्तर एक दिशा को बताता है. अतः यह सभी किसी खास वस्तु को ही बोध कराते हैं इसलिए इन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहा जाता है. व्यक्तिवाचक संज्ञा का उदाहरण नीचे दिया गया है-
व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण (Vyakti Vachak Sangya ke Udaharan)
- व्यक्ति का नाम- मोहन, सोहन, रवि, सोनू, गणेश, राम, श्याम, अतुल, सीता, गीता, सोनल, गांधीजी, राजेंद्र प्रसाद आदि
- झीलों के नाम- बैकाल झील, लोनार झील, चिल्का झील, कोलेरू झील, डीडवाना झील, सांभर झील आदि
- जानवरों के नाम- एरावत, गौरा, चेतक आदि
- महाद्वीपों का नाम- एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अंटार्टिका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका
- देशों के नाम- भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, स्वीटजरलैंड, थाईलैंड
- समुद्रों के नाम- काला सागर, भूमध्य सागर, अरब सागर, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर
- नदियों के नाम- गंगा, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, गोदावरी, महानदी, नर्मदा, कृष्णा, दामोदर, सतलज, झेलम, व्यास
- गृह नक्षत्रों का नाम- पृथ्वी, चंद्रमा, सूर्य, मंगल, बृहस्पति,शनि, बुध, शुक्र, अरुण और वरुण
- पर्वतों के नाम- हिमालय, माउंट एवरेस्ट, अरावली, सतपुड़ा, विंध्याचल, अन्नामलाई, नीलगिरी
- समाचार पत्रों का नाम- दैनिक भास्कर, हिंदुस्तान टाइम्स, प्रभात खबर, अमर उजाला
- दिशाओं के नाम- उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम आदि
- महीनों के नाम- मई, अक्टूबर, जुलाई, चैत, वैशाख, फाल्गुन आदि
- वर्ष के नाम- 1922,1930,1945,1947,2023 आदि
- पुस्तकों के नाम- ऋग्वेद, रामचरितमानस, भागवत गीता आदि
- त्योहार और उत्सव के नाम- होली, दीपावली, रक्षाबंधन, विजयादशमी
- राष्ट्रीय जातियों के नाम- भारतीय, जापानी, नेपाली, अमेरिकी
- भवन या स्मारकों के नाम- ताजमहल, लाल किला, विजय स्तंभ आदि
नोट:- व्यक्ति का नाम, झील का नाम, जानवर का नाम, महाद्वीप का नाम, देश का नाम, समुंद्र का नाम, नदियों के नाम, गृह नक्षत्रों का नाम, पर्वतों का नाम, समाचार पत्रों का नाम, दिशाओं का नाम, महीनों का नाम, वर्ष का नाम, पुस्तकों का नाम, त्योहार और उत्सव का नाम, राष्ट्रीय जातियों के नाम तथा भवन या स्मारकों के नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा माना जाता है.
#2. जातिवाचक संज्ञा (Jati Vachak Sangya)
जिस संज्ञा शब्द से किसी जाति या समूह विशेष का बोध होता है तो उस शब्द को जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है. जातिवाचक संज्ञा एक वचन और बहुवचन दोनों में होती है. जैसे- मनुष्य, घर, पहाड़, नदी इत्यादि
इन उदाहरणों में मनुष्य कहने पर इस संसार के सभी मनुष्य जाति का बोध होता है जिसके कारण मनुष्य एक जातिवाचक संज्ञा का उदाहरण है. जबकि घर शब्द से सभी प्रकार के घरों का तथा पहाड़ शब्द से सभी पहाड़ों का और नदी से सभी नदियों का बोध होता है इसलिए मनुष्य, घर, पहाड़ और नदी जातिवाचक संज्ञा का एक अच्छा उदाहरण है.
सरल परिभाषा:- जिन संख्याओं से एक ही प्रकार के वस्तुओं या व्यक्तियों का बोध होता है तो उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं.
जातिवाचक संज्ञा के दो उपभेद होते हैं जिन्हें द्रव्य वाचक और समुदाय वाचक के नाम से जाना जाता है.
- द्रव्यवाचक जातिवाचक संज्ञा में उन वस्तुओं के जिनको मापा या तौला जा सकता हो जैसे- सोना, दूध, हीरा, मोती, तेल,घी और कोयला आदि
- समुदाय वाचक जातिवाचक संज्ञा में वैसे नाम आते हैं जो किसी खास समुदाय का बोध कराते हैं जैसे- संघ, झुंड, भीड़, वर्ग, सेना, दल, कक्षा, खानदान, ढेर, जाल और कुंज आदि
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण (Jativachak Sangya ke Udaharan)
- वस्त्र के प्रकार – चादर, तकिया, रजाई, कुर्ता, पर्दा आदि
- वाहनों के नाम – गाड़ी, नाव, हवाई जहाज, रेल तथा बस आदि
- प्राकृतिक स्रोतों के नाम – तलाब, नदी, समुंद्र, सागर, द्वीप, तारा, ग्रह, पठार आदि
- घरेलू सामानों के नाम- मेज, कुर्सी, पंखा तथा टीवी आदि
- खाद्य पदार्थों के नाम – चावल, दाल, मिठाई, दूध
- संबंधियों के नाम – भाई, बहन, चाचा, मामा, बुआ
- फल सब्जियों के नाम – आम, भिंडी, आलू, अंगूर, अदरक आदि
- पदों के नाम – शिक्षक, लेखक, मंत्री, लिपिक आदि
- पशु पक्षियों के नाम – घोड़ा, गाय, कौवा, तोता, मैना
- प्राकृतिक तत्वों के नाम – तूफान, बिजली, वर्षा, भूकंप , ज्वालामुखी
नोट :- सेना, पुलिस, कवि, नेता, दानव, सेवक, गुरु, नारी, चोर, बूढा और विद्वान आदि जातिवाचक संज्ञा के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण है.
#3. भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya)
जिस संज्ञा शब्द से पदार्थ, व्यक्ति या वस्तुओं आदि के गुण,दोष,धर्म,प्रकृत तथा अवस्था आदि का बोध कराते हैं तो उस संज्ञा शब्द को भाववाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे- अमीरी, मिठास, गरीबी आदि
भाव का मतलब होता है विचार. भाववाचक संज्ञा एकवचन के रूप में होती है तथा इस में प्रयुक्त होने वाले शब्द को केवल महसूस किया जा सकता है क्योंकि इन्हें ना देख सकते हैं और ना ही छू सकते हैं.
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya ke Udaharan)
भाववाचक संज्ञा में जो नाम के शब्द आते हैं उन्हें ना हम देख सकते हैं और ना ही छू सकते हैं बल्कि इन्हें हम केवल महसूस कर सकते हैं क्योंकि यह एक प्रकार के विचार होते हैं जिनकी उदाहरण नीचे दिए गए हैं-
- गरीबी, अमीरी, मिठास, प्रेम, क्रोध, घृणा, आत्मविश्वास, बचपन, जवानी, बुढ़ापा, कमाई, ईर्ष्या, खेल, दया, पूजा, करुणा, चाल, भय, जीत, जीवन, पाप, घबराहट, पूंजीवाद, समाजवाद, खटास, सौंदर्य, निराशा, आशा, बनावट, योग्य, उड़ान, निर्मल, नम्रता, समझ, शीतलता, गर्मी, ठंडी आदि
#4. समूहवाचक संज्ञा (Samuh Vachak Sangya)
संज्ञा के जिस शब्द से वस्तु या व्यक्ति के समूह का बोध होता है तो उस संज्ञा शब्द को समूहवाचक संज्ञा कहते हैं. समूहवाचक संज्ञा हमेशा बहुवचन होती है क्योंकि इनके संज्ञा शब्द के नाम में वस्तु के समूह जुड़े होते हैं. जैसे- सभा, दल, गिरोह आदि यह संज्ञा शब्द व्यक्तियों के समूह का बोध कराते हैं जबकि गुच्छा, कुंज आदि वस्तुओं के समूह को बताते हैं.
समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण (Samuh Vachak Sangya Udaharan)
मण्डल,भीड़,मेला, सभा, कक्षा, परिवार, पुस्तकालय, झुंड, गिरोह, सेना, दल, दल, टुकड़ी,गुच्छा आदि
#5. द्रव्यवाचक संज्ञा (Dravya Vachak Sangya)
संज्ञा की जिस शब्द से ऐसी वस्तुओं का बोध हो जिन्हें मापा या तौला जा सके किंतु उन्हें गीना ना जा सके तो उस संज्ञा के शब्द को द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे- दूध, पानी, आटा, सोना, चांदी, तेल आदि. द्रव्यवाचक संज्ञा सामान्य रूप में बहुवचन नहीं होते हैं.
द्रव्यवाचक संज्ञा से ठोस, द्रव और गैसीय अवस्था वाले द्रव्य पदार्थ या धातु या अधातु के नाम का बोध होता है. इनमें ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और हीलियम जैसी गैसे केवल मापी या तौली जा सकती हैं. जबकि द्रव अवस्था में दूध और पानी तथा अल्कोहल द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण हैं.
द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण (Dravya Vachak Sangya Udaharan)
द्रव्यवाचक संज्ञा ऐसी वस्तुएं होती हैं जिनकी गिनती नहीं की जा सकती है जिनकी उदाहरण निम्न है-
सोना, चांदी, लोहा तथा शीशा, आटा, नमक, बालू आदि ठोस द्रव्यवाचक संज्ञा है जबकि पानी, दूध, अल्कोहल, तेजाब तथा तेल आदि द्रव अवस्था वाले द्रव्यवाचक संज्ञा है किंतु ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हिलियम तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैसीय अवस्था वाले द्रव्यवाचक संज्ञा है.
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना
जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
बूढ़ा | बुढ़ापा |
लड़का | लड़कपन |
मित्र | मित्रता |
दास | दासत्व |
पंडित | पंडिताई |
खेत | खेती |
गुरु | गुरुत्व |
इंसान | इंसानियत |
सर्वनाम शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना
सर्वनाम शब्द | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
अपना | अपनापन या अपनाव |
मम् | ममता |
निज | निजत्व |
अह्म | अहंकार |
सर्व | सर्वस्व |
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विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना
विशेषण शब्द | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
गर्म | गर्मी |
सुन्दर | सौन्दर्य |
सर्द | सर्दी |
भूख | भूखा |
कठोर | कठोरता |
लम्बा | लम्बाई |
मीठा | मिठास |
स्वस्थ | स्वास्थ्य |
चतुर | चतुराई |
लाल | लालिमा |
सुंदर | सुन्दरता |
भय | भयानक |
काला | कालापन |
क्रिया से निर्मित भाववाचक संज्ञा
क्रिया के शब्द | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
सजाना | सजावट |
चढ़ना | चढ़ाई |
मारना | मार |
पढ़ना | पढ़ाई |
चुनना | चुनाव |
धोना | धुलाई |
बेचना | बिक्री |
दौड़ना | दौड़ |
जीतना | जीत |
जलना | जल |
बहना | बहाव |
घबराना | घबराहट |
अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा का निर्माण
अव्यय शब्द | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
दूर | दूरी |
समीप | समीप्य |
निकट | नैकट्य |
शाबाश | शाबाशी |
वाह | वाहवाही |
धिक् | धिक्कार |
खूब | खूबी |
बहुत | बहुतायत |
भीतर | भीतरी |
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सवाल ज़वाब (FAQ)
प्रश्न– संज्ञा क्या है (what is sangya)
उतर – संज्ञा एक विकारी शब्द है जो किसी भी वस्तु या व्यक्ति तथा स्थान आदि के नामों को बताता है. जैसे- , कलम, राम,लखनऊ आदि
प्रश्न– भाववाचक संज्ञा क्या है (what is bhav vachak sangya)
उतर –संज्ञा के जिस शब्द से किसी व्यक्ति या वस्तु की गुण या दोष, दशा या व्यापार का बोध हो तो उस संज्ञा शब्द को भाववाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे- लंबाई, मिठास, बुराई, ईर्ष्या
प्रश्न – जातिवाचक संज्ञा किसे कहते है (jati vachak sangya kise kahate hain)
उतर -संज्ञा के जिस शब्द से एक ही प्रकार के वस्तुओं या व्यक्तियों का बोध होता हो तो उस संज्ञा के शब्द को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे- मनुष्य, पहाड़, नदी, महादेश आदि
प्रश्न – व्यक्तिवाचक संज्ञा क्या है (what is vyakti vachak sangya)
उतर – संज्ञा के जिस शब्द से किसी एक वस्तु या एक व्यक्ति का बोध हो तो उस संज्ञा शब्द को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं. यह संज्ञा शब्द हमेशा एकवचन होते हैं. जैसे – राम, गंगा, पटना, उत्तर, सोमवार, फाल्गुन, जुलाई आदि
प्रश्न – संज्ञा कितने प्रकार की होते है (sangya kitne prakar ki hoti hai )
उतर – संज्ञा पांच प्रकार के होते हैं जिनमें भाववाचक संज्ञा धर्म से जुड़ा है तथा शेष चार संज्ञा वस्तु से जुड़े हैं जिनके नाम नीचे दिए गए हैं-
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
किंतु प्रयोग में तीन संख्याओं का ही उपयोग किया जाता है जैसे- व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा
निष्कर्ष (Conclusion)
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने संज्ञा से जुड़ी सभी जानकारी को सरल भाषा में बताया है जैसे – संज्ञा किसे कहते है(Sangya Kise Kahate Hain), संज्ञा कितने प्रकार के होते है (sangya ke kitne bhed hote hain) और संज्ञा के उदाहरण (sangya ke udaharan) सहित सभी जानकरियों के बारे में बताया है.
हम आशा करते है की संज्ञा इन हिंदी (sangya in hindi) वाली पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी. यदि हाँ है तो कमेंट में जरुर बताये तथा अपने दोस्तों में भी शेयर करे. धन्यवाद, आपका दिन शुभ हो
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